Zero Discrimination Day (शून्य भेदभाव दिवस)



विश्व स्तर पर 1 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस (Zero Discrimination Day) मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं और लड़कियों के साथ भेदभाव और असमानता को चुनौती देने के लिए मनाया जाता है। 


आपको बता दें कि शून्य भेदभाव दिवस का प्रतीक एक तितली है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग अपनी तस्वीरें में तितली दिखाते हुए इस दिन को मनाते है।


संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम (UNAIDS) द्वारा शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है। हर साल 1 मार्च को ये दिवस मनाया जा रहा है और इसकी शुरुआत 2014 से हुई थी। इसे एड्स कार्यक्रम से जोड़ा जाता है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि एड्स को मिटाने के लिए महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव से लड़ना जरूरी है। 


 1 मार्च 2014 को हुई थी शुरुआत


वैसे तो शून्य भेदभाव दिवस की शुरुआत 1 मार्च 2014 को UNAIDS के कार्यकारी निदेशक द्वारा की गई, लेकिन इसके मनाए जाने की घोषणा UNAIDS द्वारा दिसंबर 2013 में विश्व एड्स दिवस पर अपने शून्य भेदभाव अभियान कार्यक्रम के बाद की गई थी। इस प्रकार ये दिवस UNAIDS के कार्यकारी निदेशक मिशेल सिदीबे द्वारा बीजिंग में एक बड़े इवेंट के साथ घोषित किया गया था।


थीम 2024


"To protect everyone's health, protect everyone's rights". 

“हर किसी के स्वास्थ्य की रक्षा करना, सभी के अधिकारों की रक्षा करना” 

Zero Discrimination Day Image Credit : Social Media

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