विश्व स्तर पर 1 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस (Zero Discrimination Day) मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं और लड़कियों के साथ भेदभाव और असमानता को चुनौती देने के लिए मनाया जाता है।
आपको बता दें कि शून्य भेदभाव दिवस का प्रतीक एक तितली है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग अपनी तस्वीरें में तितली दिखाते हुए इस दिन को मनाते है।
संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम (UNAIDS) द्वारा शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है। हर साल 1 मार्च को ये दिवस मनाया जा रहा है और इसकी शुरुआत 2014 से हुई थी। इसे एड्स कार्यक्रम से जोड़ा जाता है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि एड्स को मिटाने के लिए महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव से लड़ना जरूरी है।
1 मार्च 2014 को हुई थी शुरुआत
वैसे तो शून्य भेदभाव दिवस की शुरुआत 1 मार्च 2014 को UNAIDS के कार्यकारी निदेशक द्वारा की गई, लेकिन इसके मनाए जाने की घोषणा UNAIDS द्वारा दिसंबर 2013 में विश्व एड्स दिवस पर अपने शून्य भेदभाव अभियान कार्यक्रम के बाद की गई थी। इस प्रकार ये दिवस UNAIDS के कार्यकारी निदेशक मिशेल सिदीबे द्वारा बीजिंग में एक बड़े इवेंट के साथ घोषित किया गया था।
थीम 2024
"To protect everyone's health, protect everyone's rights".
“हर किसी के स्वास्थ्य की रक्षा करना, सभी के अधिकारों की रक्षा करना”
Zero Discrimination Day Image Credit : Social Media
कैंसर जैसे घातक रोग से हर साल लाखों की संख्या में लोग ग्रसित होते हैं। यदि भारत देश की बात करें तो WHO की रिपोर्ट के अनुसार हर 10 भारतीय में से 01 व्यक्ति को कैंसर होने का खतरा होता है।
कैंसर जैसे घातक रोग के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए हर साल 4 फरवरी के दिन को वर्ल्ड कैंसर डे के रूप में मनाया जाता है।
विश्व कैंसर दिवस 2024 इतिहास
हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। यह दिन आम लोगों के बीच कैंसर के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके लक्षण और बचाव की जानकारी देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर साल 1933 में पहला कैंसर दिवस जिनेवा स्विट्जरलैंड में मनाया गया था।
थीम 2024
“ क्लोज द केयर गैप: एवरीवन डिजर्व्स एक्सेस टू कैंसर केयर”
“Close the Care Gap: Everyone Deserves Access to Cancer Care”.
World Cancer Day Image Credit : Freepik
कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार
राज्योत्सव पुरस्कार कर्नाटक राज्य का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, राज्योत्सव पुरस्कार कर्नाटक सरकार द्वारा 1 नवंबर को कर्नाटक राज्योत्सव दिवस पर दिया जाता है।
राज्योत्सव पुरस्कार विभिन्न क्षेत्र में व्यक्तियों द्वारा उनके विशेष योगदान के लिए दिया जाता है।
01 नवंबर को कर्नाटक राज्य का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है। कर्नाटक स्थापना दिवस (राज्योत्सव दिवस) वर्ष 1956 में राज्य के गठन का प्रतीक है।
कर्नाटक राज्य को पहले मैसूर के नाम से जाना जाता है। 1 नवंबर 1973 को इसका नाम 'मैसूर' से बदलकर 'कर्नाटक' कर दिया गया। तब से प्रत्येक वर्ष 1 नवंबर को राज्य के गठन का जश्न मनाया जाता है।
Image Credit : Social Media
पूरी दुनिया में हर वर्ष आज यानी 21 सितंबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1981 से इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी। इसके बाद पहली बार इसे साल 1982 के सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को मनाया गया था। 1982 से लेकर साल 2001 तक अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस को सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को मनाया गया। दो दशक बाद 2001 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक राय से इस दिन को अंहिसा और युद्धविराम का दिन घोषित किया। इसके बाद अभी तक हर साल 21 सितंबर के दिन अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जा रहा है।
पहली बार इस दिन को 1982 में कई राष्ट्रों, राजनीतिक समूहों, सैन्य समूहों और लोगों द्वारा मनाया गया था। 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इसे शांति शिक्षा के लिए समर्पित किया।Engineer’s Day 2023 Image Credit : https://www.freepik.com
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Zee Media रीजनल एडिटर (डिजिटल) की जिम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ पत्रकार मनोज माथुर का आज सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया।
मनोज के परिवार में उनकी मां, पत्नी और एक बेटा है। मनोज मूलरूप से राजस्थान के अजमेर शहर के रहने वाले है।
मनोज के निधन पर पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है, सभी ने मनोज के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख जताया है व उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मनोज के निधन पर सीएम अशोक गहलोत व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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