Avnish Wilson has started an effort to bring to the public the stories of those people whose lives are hidden in the painful corners of the world, These stories can inspire us and contribute in making us better human beings
राजस्थान सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। जिसमें से एक योजना है, राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद योजना। इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य गांव की महिलाओं को गरीबी रेखा से ऊपर उठाना, क्षमता वर्धन कर सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक सहायता और तकनीकी ज्ञान भी दिया जाता है, जिससे महिलाएं लघु कार्य कर सकें। प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं जो राजीविका से जुड़कर आत्मनिर्भरता के साथ सफलतापूर्वक अपना जीवनयापन कर रही हैं। ऐसी ही एक कहानी हमें चित्तौड़गढ़ जिले में देखने को मिली।
चित्तौड़गढ़ जिले के कजोड़ पूरा सावा गांव की जुबैदा बेगम वर्ष 2019 में राजीविका से जुड़ी। जुबैदा बताती है कि वे हमेशा से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहती थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह कुछ कर ना सकी, तभी जुबैदा को गांव की महिलाओं से राजीविका के बारे में जानकारी मिली। वह राजीविका द्वारा चलाए जा रहे दीवाना स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और वहां से उन्होंने कुछ आय अर्जित करनी शुरू की, जिससे वह अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करती है।
उन्होंने बताया की राजीविका से जुड़ना उनके लिए वरदान साबित हुआ है। जुबैदा बेगम ने बताया कि उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए राजीविका की मदद ली और सरस डेयरी बूथ खोला। वर्तमान में जुबैदा 50 से 60 लीटर दूध प्रतिदिन बेचती है। जिसमें उन्हें 150 से 200 रुपए की बचत होती है। जुबैदा यह भी बताती हैं कि उन्होंने राजीविका से एक लाख रूपए का ऋण लिया और उन ऋण लिए गए रूपयो से उन्होंने अपनी सरस डेयरी बूथ को ओर बड़ा बनाया और एक नई किराने की दुकान भी खोली, जिसमें उन्हें प्रतिदिन 600 रुपए से अधिक की बचत होती है।
जुबैदा बेगम ने राजीविका को धन्यवाद कहते हुए कहा कि राजीविका से जुड़कर ना सिर्फ वह आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि सरस बूथ और किराना स्टोर खोलने से उनके परिवार के और भी सदस्यों को रोजगार का अवसर प्राप्त हुआ है। अब उनका प्रयास है कि वह समूह की बाकी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सके।
इस खबर को अवनीश विल्सन ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान
सरकार के सुचना एवं जनसंपर्कविभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई
है।
राजस्थान सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। जिसमें से एक योजना है, राजस्थान ग्रामीण आजीवि...
राजस्थान सरकार ने महिलाओं के सर्वांगीण सशक्तिकरण के उद्देश्य से इंदिरा महिला शक्ति निधि का गठन किया। महिलाओं को इन्दिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण व कौशल संवर्धन योजनान्तर्गत राजस्थान नॉलेज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (आरकेसीएल) के माध्यम से स्पोकन इंग्लिश एण्ड पर्सनैलिटी डवलपमेंट का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जिससे महिलाओं के कौशल विकास के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा सके।
जयपुर जिले की ज्योति नैनवा वैदिक कन्या कॉलेज में बी.कॉम. फाइनल ईयर की छात्रा हैं। उन्हें अपने कॉलेज से इन्दिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण व कौशल संवर्धन योजनान्तर्गत स्पोकन इंग्लिश एण्ड पर्सनैलिटी डवलपमेंट के तहत निःशुल्क प्रशिक्षण की जानकारी मिली। ज्योति ने कोर्स की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर गीता मित्तल करिअर डेवलपमेंट सेंटर में दाखिला लिया। ज्योति का कहना है कि पहले उन्हें अंग्रेजी बोलने में हिचकिचाहट होती थी और आत्मविश्वास की भी कमी महसूस होती थी। लेकिन अब इस कोर्स ने उनका जीवन बदल दिया। अब वे अंग्रेजी में न केवल बातचीत कर पाती हैं बल्कि अंग्रेजी लिखने पढ़ने में भी उन्हें कोई परेशानी नहीं होती।
ज्योति का कहना है कि इस कोर्स से उनकी पर्सनैलिटी का भी विकास हुआ है। वे अपने आप को पहले से ज्यादा आत्मविश्वासी महसूस करती हैं। पहले वो अंग्रेजी में इंटरव्यू तक नहीं दे पाती थी और अब इंटरव्यू में बेहतरीन प्रदर्शन कर जॉब कर रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निःशुल्क प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करने के लिए ज्योति राज्य सरकार का तहेदिल से आभार व्यक्त करती है और साथ ही अपनी जैसी अन्य लड़कियों को भी प्रशिक्षण लेने व अपना आत्मविश्वास सुदृढ़ करने के लिए प्रेरित करती हैं।
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भूमि का कृषि संकाय में स्नातक करने का सपना हुआ पूरा, योजना ने निभाया पिता का फर्ज
कृषि के क्षेत्र में बुवाई से लेकर रोपण, जल निकासी, सिंचाई, उर्वरक, पौध संरक्षण,कटाई, खरपतवार हटाने और भंडारण तक के कार्यों में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाती हैं। इस क्षेत्र में उनके सशक्तिकरण और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य में ’कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को प्रोत्साहन योजना’ चलाई जा रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बालिकाएं कृषि के क्षेत्र की नवीनतम तकनीकों का अध्ययन करें और औपचारिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे न केवल उनके परिवार की आय में वृद्धि होगी, बल्कि वे राज्य और देश की समृद्धि में भी योगदान देंगी। योजना के तहत अध्ययन के लिए कृषि को विषय के तौर पर चुनने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कृषि संकाय में 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी कर रही छात्राओं को 5 हजार से लेकर 15 हजार की राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है।
कृषि संकाय में स्नातक कर रही भूमि दलीप जैन उदयपुर स्थित जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है। वे बताती है कि शुरू से ही उनकी कृषि के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की इच्छा थी। लेकिन उन्हें पता नही था कि उनकी राह इतनी आसान नहीं है और उन्हें काफी आर्थिक समस्याओं का सामना करना होगा। वर्ष 2021 में अकस्मात् भूमि के पिता की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गयी, इसका सीधा प्रभाव उनकी पढ़ाई पर पड़ा।
योजना ने निभाया पिता का फर्ज
भूमि बताती हैं कि योजना के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं में उन्हें राज्य सरकार द्वारा 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। इस आर्थिक सहयोग को पाकर भूमि को लगा कि पिता के जाने के बाद यह योजना उनके लिए पिता का फर्ज निभा रही है। भूमि कहती हैं कि पिता की मृत्यु के बाद अल्प पारिवारिक आय की वजह से उनके लिए अपने पसंद के विषय में नियमित पढ़ाई कर पाना कठिन था। इस योजना के सहयोग से वे अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रख पाई हैं।
भूमि कहती हैं कि कृषि संकाय लेकर अध्ययन करने से उन्हें खेती करने की उन्नत तकनीकों की भी जानकारी मिली। अब वे अपने घर की सब्जियां बाज़ार से खरीद कर नहीं लाती हैं, अपितु वे घर में सब्जियां उगाती हैं, जिससे उन्हें घर में ही ताजी सब्जियां उपलब्ध होती हैं। साथ ही वे किसानों को खेती करने की उन्नत तकनीकों, बीज, उर्वरक जैसी सहायक सामग्रियों के बारे में उचित जानकारी भी देती हैं। वे चाहती हैं कि वे कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में ज्यादा से ज्यादा सीखें और इस क्षेत्र में नवाचार करें।
भूमि और उनकी माता इस प्रोत्साहन राशि के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए नहीं थकती।
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परिचय
आज की कहानी एक 22 वर्षीय नौजवान की है जिनका नाम है बिसवाजीत मंडल, जिनका जन्म 17 सितम्बर सन 2000 को देश की राजधानी नई दिल्ली में हुआ।
माता पिता के बारे में
बिसवाजीत के पिताजी की दिल्ली में सब्जी की दूकान (Vegetable Shop) है तथा उनकी माताजी एक गृहिणी है, बिसवाजीत अपने माँ बाप की इकलौती संतान है। बिसवाजीत के माता पिता मूलतः कोलकाता के रहने वाले है तथा वह पिछले कई वर्षो से दिल्ली में ही रह रहे है।
शिक्षा
बिसवाजीत ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा दिल्ली से ही ली है, अभी पिछले वर्ष ही उन्होंने बेचलर ऑफ़ आर्ट्स की पढाई पूरी की है।
बचपन से ही था एक्टिंग का शौक
बिसवाजीत खुद बताते है की वह पढाई में एक औसत विद्यार्थी थे, वह बताते है वह स्कुल बंक करके एक्टिंग सिखने जाया करते थे। बिसवाजीत को बचपन से ही एक्टिंग का काफी शौक था और वह फ़िल्मी दुनिया में काम करना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने कई बार ऑडिशन भी दिए परन्तु दुर्भाग्यवश उनका सिलेक्शन नहीं हुआ क्योकि किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था।
आर्थिक तंगी के कारण एक्टिंग स्कुल नहीं जा पाए
बिसवाजीत अपनी 12वीं की पढाई के बाद कोई एक्टिंग स्कुल ज्वाइन करना चाहते थे परन्तु परिवार की आय के सीमित श्रोत होने के कारण वह कोई एक्टिंग स्कुल ज्वाइन नहीं कर सके तथा इसी के साथ बिसवाजीत के माता पिता को उनका एक्टिंग क्षेत्र में कार्य करना बिलकुल पसंद नहीं था। परिवार की सीमित आय के कारण उनके पिता चाहते थे की वह उनके साथ सब्जी की दूकान (Vegetable Shop) पर काम करे।
एक्टिंग क्षेत्र में भाग्य आजमाने के लिए पिता से माँगा 2 साल का समय
12 वीं की पढाई के बाद बिसवाजीत के पिता चाहते थे की वह उनके साथ उनकी वेजीटेबल शॉप पर कार्य करे परन्तु बिसवाजीत अपनी ज़िन्दगी के पैशन एक्टिंग को किसी कीमत पर त्यागना नहीं चाहते थे इसिलिए उन्होंने अपने पिताजी से 2 साल का वक़्त माँगा की वह एक्टिंग क्षेत्र में कार्य करे।
नहीं था एक्टिंग क्षेत्र का कोई डिग्री/डिप्लोमा
क्योकि बिसवाजीत के परिवार की आय सीमित थी और उनके पिता जी के पास इतने पैसे नहीं थे की वह उनका दाखिला किसी एक्टिंग स्कुल में करवा सके इसीलिए वह कभी किसी एक्टिंग स्कुल में नहीं गए थे और न ही उनके पास एक्टिंग क्षेत्र का कोई डिग्री/डिप्लोमा था। उन्होंने कई जगह ऑडिशन दिया परन्तु उनका सिलेक्शन नहीं हुआ, इन सबके बावजूद भी बिसवाजीत ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार प्रयास करते रहे।
TIKTOK से की शुरुआत
इतना सब होने के बाद बिसवाजीत ने TIKTOK पर अपने खुद के तैयार किए गए कंटेंट (self-created content) के विडियो बनाना आरम्भ किए और देखते ही देखते उनके TIKTOK पर 4M फोल्लोवर्स हो गए और TIKTOK के द्वारा उनकी कमाई (earnning) भी शुरू हो गई परन्तु एकाएक उसके बाद TIKTOK बैन हो गया, उसके बाद बिसवाजीत हिम्मत हार गए और अपने पिता जी की सब्जी की दूकान पर उनके साथ काम करने लगे लेकिन अभी तक भी उनका एक्टिंग के प्रति जूनून ख़त्म नहीं हुआ था।
Instagram से की एक नई शुरुआत
इसके बाद बिसवाजीत ने instagram पर विडियो बनाना आरम्भ किया जिसमे उनको विभिन्न ब्रांड्स के द्वारा प्रमोशन के लिए बुलाया जाने लगा और उनकी कमाई (earnning) होना भी आरम्भ हो गई।
कैंसर के रूप में आया तूफ़ान
जैसे ही बिसवाजीत की instagram से कमाई होना आरम्भ हुई वैसे ही उनके परिवार में एक तूफ़ान आया, जब जून 2021 में उनको उनकी माँ के कैंसर रोग के बारे में पता चला। बिसवाजीत बताते है की जैसे ही उनकी माँ को कैंसर रोग का पता चला उनके सभी रिश्तेदारों व जानकारों ने मदद करने के बजाय उनकी हिम्मत तोड़ दी लेकिन बिसवाजीत और उनके पिता ने कभी हार नहीं मानी और उन्होंने अपनी माँ का कैंसर का इलाज आरम्भ करवाया।
अस्पताल के कोने में सबसे छुपकर बनाया विडियो
उनकी माँ के कैंसर के इलाज के दौरान जब बिसवाजीत रात दिन अस्पताल में रहकर अपनी माँ की सेवा कर रहे थे उस दौरान भी उनको सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के लिए प्रमोशन कॉल आते थे तो वह फ्री टाइम में अस्पताल के किसी कोने में जाकर सबसे छुपके विडियो बनाते थे क्योकि उस समय उनके लिए पैसा कमाना और उस पैसे से अपनी माँ का इलाज करवाना अतिआवश्यक था, क्योकि बिसवाजीत के पिताजी की एक सब्जी की दूकान थी और वह इतना नहीं कमा पाते थे क्योकि उनकी माँ के कैंसर के इलाज में काफी पैसा लग रहा था इसीलिये बिसवाजीत अस्पताल में अपनी माँ के इलाज के दौरान यह सब कर रहे थे।
You Tube से की एक नई शुरुआत
अप्रैल 2020 में पुरे देश में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन था उस दौरान बिसवाजीत के मन में You Tube पर अपना खुद का चैनल बनाने का ख्याल आया और फिर क्या था बिसवाजीत ने अपना खुद का You Tube पर Bishwajeet Mandal के नाम से चैनल बना डाला।
You Tube पर 2000 सबस्क्रायीबर्स से 1.25 M सबस्क्रायीबर्स तक का सफ़र
शुरूआती दौर में बिसवाजीत के चैनल पर सिर्फ 2000 सबस्क्रायीबर्स थे परन्तु वह प्रतिदिन एक विडियो YT पर post करते थे और देखते ही देखते उनके चैनल पर आज 1.25 M सबस्क्रायीबर्स है व 839,505,162 व्यू है।
अपने संघर्ष के दिनों में किया सब्जी की दूकान पर काम
बिसवाजीत बताते है की उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों के दौरान अपने पिताजी की सब्जी की दूकान पर भी काम किया था। वह बताते है की जब दिन के समय कोई ग्राहक नहीं आता था तो उस समय पर वह फ्री टाइम में विडियो कंटेंट बनाते थे। बिसवाजीत के अनुसार उन्होंने अपने संघर्ष काल के समय अपने जीवन 1 सेकंड का समय भी बर्बाद नहीं किया बल्कि एक निरंतरता (consistency) के साथ वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काम करते रहे।
बिसवाजीत की ओर से सन्देश
अंत में बिसवाजीत सभी को प्रेरित करते हुए कहते है की अपनी ज़िन्दगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए और विशेष रूप से अपने माँ बाप के लिए तो कभी हार माननी ही नहीं चाहिए क्योकि एक वही है जो आपको सब कुछ देते है और एक औलाद होने के नाते आपका फ़र्ज़ बनता है की उनके लिए सब कुछ करे। इसी के साथ बिसवाजीत ने वर्तमान युग के माता पिता को भी प्रेरित करते हुए कहा की उन्हें अपनी इच्छा अपने बच्चों पर नहीं थोपनी चाहिए बल्कि अपने बच्चों की इच्छा और वर्तमान समय को देखते हुए अपने बच्चों को फ्री हैण्ड देना चाहिए (एक मौका देना चाहिए) की वह अपनी ज़िन्दगी में जो कुछ भी करना चाहे वो करे। वो बताते है यदि वह अपने पिता के कहने के कारण पढाई जारी रखते तो शायद आज वह इतना सब कुछ नहीं कर पाते या फिर वह आज एक आम नौकरी कर रहे होते परन्तु उन्होंने अपने पिता से अपनी ज़िन्दगी के सपने को पूरा करने के लिए समय माँगा और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने सोशल मीडिया पर काम करके अपना नाम बनाया और अपने माँ बाप का नाम रोशन किया।
अच्छे दिनों को लाने के लिए बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है – बिसवाजीत मण्डल
Bishwajeet Mandal Image Credit : Facebook Other Image Credit : Social Media
Written by Avnish Wilson avnishwilsonblogger@gmail.com
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Video परिचय आज की कहानी एक 22 वर्षीय नौजवान की है जिनका नाम है बिसवाजीत...
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आज मै आपको एक ऐसे शख्स की जीवन दास्तान के बारे में बताऊंगा जिसका संगीत से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था परन्तु उसने अपनी कड़ी मेहनत, संघर्ष और लगन से संगीत की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
मोर्विन नोबल उर्फ़ इनायत अजमेरी का जन्म राजस्थान राज्य के अजमेर शहर में 26 मई सन 1996 को हुआ। इनायत को उनके घर पर प्यार से “राजा” कहा जाता है। इनायत अजमेरी के पिता शिक्षा जगत में व उनकी माताजी चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत है।
माँ की कोख में ही मिला संगीत
इनायत अजमेरी अपने जन्म के साथ ही संगीत का वरदान लेकर आए या फिर यह कह लीजिये की प्रभु परमेश्वर ने इनायत को संगीत का वरदान उनकी माँ के कोख में ही इनायत फ़रमाया है।
इनायत अजमेरी के नानाजी थॉमस नूर अजमेरी
गुरु (Mentor)
इनायत अजमेरी संगीत की दुनिया में अपना गुरु अपने नानाजी को मानते है जिनका नाम है “थॉमस नूर अजमेरी” इनायत के नाना थॉमस नूर अजमेरी मूल रूप से अजमेर के ही रहने वाले है व इंडियन रेलवे के सेवानिवृत कर्मचारी है। जब मोर्विन महज़ 5-6 साल के थे वह तब से ही अपने नानाजी (थॉमस नूर अजमेरी) से संगीत की शिक्षा ले रहे थे। इसी के साथ साथ इनायत बताते है की उन्होंने ने मशहूर कवाल फरीद साबरी जिन्होंने मशहूर गीत “एक मुलाकात ज़रूरी है सनम, देर न हो जाये, हो गया है मुझको तो प्यार” आदि गाए है, से भी संगीत सीखा है।
शिक्षा
इनायत (मोर्विन) ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा अजमेर से ही ली है। स्कूली शिक्षा की बात करे तो उन्होंने अजमेर के नामी सैंट पॉल स्कुल से शिक्षा प्राप्त की है। इनायत ने संगीत में स्नातक की शिक्षा ली है और अभी वर्तमान में इनायत संगीत में विशारद की शिक्षा भी ले रहे है।
कार्य अनुभव
इनायत ने संगीत के शिक्षक (Music Teacher) के रूप में अजमेर के विभिन्न स्कुलो में कार्य भी किया है। इनायत सभी ताल (Rhythm) वाले वाद्य यंत्र (Instrument) व पियानो (Piano) बजाते है।
इनायत सन 2018 से अपना एक you tube चैनल भी चला रहे है जिसका नाम है Morvin Inayat Official इनायत के you tube channel पर आज दिनांक तक 22000 सबस्क्राईबर्स है व 48 लाख से ज्यादा का उनके चैनल का वॉच टाइम है।
आज वर्तमान में इनायत you tube के माध्यम से एक सम्मानजनक पैसा कमाते है।
स्टेज शो
इनायत ने देश के विभन्न हिस्सों में जाकर स्टेज शो भी करे है जिसमे सैकणों की तादात में उनके फैन्स उनको सुनने आते है। मुख्य रूप से इनायत ने इंदौर, उज्जैन, मुम्बई, बांसवाडा, जोधपुर, जयपुर आदि में स्टेज शो किए है।
अभी हाल ही में इनायत के जन्मदिवस के अवसर पर सारेगामापा के मशहूर Rhythmist गिरीश विश्वा ने जन्मदिन की बधाई का एक विडियो बनाकर उन्हें भेजा जिसमे विश्वा ने इनायत को जन्मदिन की बधाई दी थी।
सामाजिक दायित्व
यदि बात करे सामाजिक दायित्व की तो इनायत कई वर्षो तक सीएनआई चर्च अजमेर के यूथ विंग के सेक्रेटरी रहे है व अभी वर्तमान में इनायत डाईसीस ऑफ़ राजस्थान के यूथ विंग के सेक्रेटरी है।
New Release
आने वाले दिनों में इनायत एक नई कवाली रिलीज़ करने जा रहे है जिसका टाइटल है “Rabba” जिसे वह अपने you tube channel पर रिलीज़ करेंगे।
Colors TV पर इनायत का शो
विदेश जाने का मौका
इनायत ने बताया की उनको संगीत की दुनिया में विदेश जाने का मौक़ा मिला परन्तु पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते व कोविड वायरस संक्रमण की वजह से वह विदेश नहीं जा पाए।
ज़िन्दगी का सपना
आखिर में इनायत अजमेरी ने बताया की उनकी ज़िन्दगी का बस एक ही सपना है की अपने आप को संगीत की दुनिया में स्थापित करना तथा अपने अपने माँ बाप का नाम रौशन करते हुए अपने "खुदा" को महिमा देना।
संपर्क (Contact)
आप मोर्विन नोबल उर्फ़ इनायत अजमेरी से उनके मोबाइल नंबर +91-7976025937 या इमेल morvinnoble1996@gmail.comपर संपर्क कर सकते है।
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Written by Avnish Wilson avnishwilsonblogger@gmail.com
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एक्ट्रेस संभावना सेठ अपने टैलेंट की वजह से जानी जाती हैं तथा वह लोगों का मनोरंजन का करने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं। लेकिन संभावना इन दिन...
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