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प्रथम चरण में 40 लाख महिलाओं एवं छात्राओं को मिलेंगे स्मार्टफोन


 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जनता से किए गए प्रत्येक वादे को धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार के फैसले निरन्तर इतिहास रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में नम्बर वन है। अब इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना आईटी क्षेत्र में क्रान्ति के साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बनेगी। योजना के माध्यम से प्रदेश की लगभग हर महिला के हाथ में मोबाइल होगा।

सीएम गहलोत गुरूवार को बिड़ला ऑडिटोरियम सभागार में इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर एवं लाभार्थी महिलाओं-छात्राओं को स्मार्टफोन प्रदान कर योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में डिजिटल सखी हैण्डबुक ‘सीखो डिजिटल, सिखाओ डिजिटल’ का विमोचन भी किया। हैण्डबुक में मोबाइल के उपयोग सम्बन्धी समस्त जानकारियां रंगीन चित्रों के साथ समाहित की गई हैं। इस अवसर पर इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना से संबंधित लघु वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई। योजना के अंतर्गत चिरंजीवी परिवारों की 1.35 करोड़ महिलाओं को 3 साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन दिये जाएंगे। प्रथम चरण में 40 लाख महिलाओं एवं छात्राओं को स्मार्टफोन दिये जाने की गुरुवार से शुरुआत हुई है।

मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत वादे पूरे कर लिए गए हैं। इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के माध्यम से राज्य सरकार अपना एक और वादा पूरा कर रही है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक स्मार्टफोन के लिए 6800 रुपये लाभार्थियों को डीबीटी किये जा रहे हैं तथा प्रारम्भ में 20 जीबी डाटा उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चिप का संकट होने से मोबाइल बनना बंद हो गए, जिसके चलते योजना को क्रियान्वित करने में कुछ देरी हुई। अब शिविरों में महिलाओं को बिना किसी परेशानी के ससम्मान स्मार्टफोन उपलब्ध करवाये जाएंगे। साथ ही, कैम्प में उन्हें मोबाइल चलाने की जानकारी भी मिलेगी। लाभार्थियों को 3 साल तक निःशुल्क इंटरनेट डेटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के दूसरे चरण में 80 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। महिलाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाना रेवड़ी नहीं होकर महिला सशक्तिकरण का एक माध्यम है। मोबाइल के अनेक तरह के उपयोग हैं, जिनसे जीवन सुगम होता है।

स्व. राजीव गांधी का सपना हो रहा साकार
गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने देश में आईटी क्रान्ति का सपना देखा था, जो आज साकार हो रहा है। प्रारम्भ में इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं जाहिर की गई थीं, जो बाद में निर्मूल साबित हुई। उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार की अधिकांश गवर्नेंस आईटी आधारित हो रही है। प्रदेश में वर्तमान में 80 हजार से अधिक ई-मित्र के माध्यम से 600 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। आज राजस्थान आईटी के क्षेत्र में नंबर वन राज्य बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. राजीव गांधी दूरदृष्टा एवं महिला सशक्तिकरण के पैरोकार थे। उनकी वजह से महिलाओं को पंचायतीराज संस्थाओं में आरक्षण का लाभ मिल पाया।

उन्होंने कहा कि नॉलेज इज पावर की थीम पर यह योजना लाई गई है। स्मार्टफोन के माध्यम से महिलाओं की कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच एवं जुड़ाव सुनिश्चित हो सकेंगे। वे स्वयं लाभान्वित होने के साथ-साथ और महिलाओं को जागरूक कर समाज सेवा भी कर सकेंगी।

कल्याणकारी योजनाओं से आमजन को मिल रही राहत
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा, न्यूनतम आय गारंटी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी, 500 रुपए में गैस सिलेंडर जैसी एक से बढ़कर एक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही हैं। महंगाई की मार कम करने के लिए 15 अगस्त से अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना की शुरूआत होगी, जिसके अंतर्गत 1 करोड़ से अधिक परिवारों को निःशुल्क राशन किट उपलब्ध करवाये जाएंगे। राज्य में 1.40 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। स्कूलों को क्रमोन्नत किया जा रहा है। 500 बालिकाओं के नामांकन पर महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। गरीब विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले गए हैं। वंचित वर्गों के 1 लाख छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। उन्होंने इन जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का आमजन से आह्वान किया।

2030 तक अग्रणी राज्य बनेगा राजस्थान
गहलोत ने कहा कि हमारी मंशा 2030 तक प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करने की है। उन्होंने प्रदेशवासियों को इस विजन को साकार करने में अपनी भागीदारी निभाने एवं अपने सुझाव देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के सहयोग से ही यह संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने देश के हालातों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि शांति एवं अहिंसा के वातावरण में ही विकास संभव है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग पर भी चिंता व्यक्त की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समारोह स्थल पर बने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन कैम्प का अवलोकन किया तथा पंजीकरण एवं स्मार्टफोन वितरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। इस दौरान वहां उपस्थित विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए रचनात्मक मॉडल की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

नवगठित जिलों से लाभार्थी बोले- जिला बनाने के लिए शुक्रिया, स्मार्टफोन से मिलेगी सहायता
- स्मार्टफोन फोन उपलब्ध करवाने व महंगाई से राहत देने के लिए आभार। अनूपगढ़ को जिला बनाने के लिए शुक्रिया।
- खुशी ग्रोवर, अनूपगढ़
- स्मार्टफोन सभी के लिए लाभदायक और सहायक साबित होगा। तैराकी प्रतियोगिता में भाग लिया है, मोबाइल से तैराकी के गुर सीखूंगी।
- अनुष्का, शाहपुरा
- स्मार्टफोन मिलने से लाभ मिलेगा, बच्चों को पढ़ा पाएंगे। सलूम्बर को जिला बनाने के लिए शुक्रिया।
 - ममता चौहान, सलूम्बर
- दूदू को जिले की सौगात देने के लिए धन्यवाद। मोबाइल देकर इंडिपेंडेंट बनाने के लिए आभार। स्मार्टफोन अध्ययन में उपयोगी साबित होगा।
- कोमल दाधीच, दूदू
- सपने में भी नहीं सोचा था कि सांचौर कभी जिला बन पाएगा। जिले की सौगात के लिए धन्यवाद। स्मार्टफोन लेकर बहुत खुश हूं।
- रामेश्वरी देवी, सांचौर
- खैरथल-तिजारा के जिला बनने से अब प्रशासनिक कार्यों के लिए अलवर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही, विभिन्न कार्य स्मार्टफोन के जरिये हो सकेंगे, ई-मित्र नहीं जाना पड़ेगा।
- ईशा, खैरथल-तिजारा
- स्मार्टफोन मिलने से ऑनलाइन क्लास ले पाऊंगी, ऑनलाइन फॉर्म भर पाऊंगी। साथ ही, अन्य जरूरी कार्य भी कर सकूंगी।
- ज्योति सुथार, फलौदी
- कोचिंग के लिए दूर जाना पड़ता है। अब स्मार्टफोन के जरिये ऑनलाइन क्लास ले पाऊंगी।
- कल्पना, डीग
- योजना के तहत स्मार्टफोन मिला है। अब बच्चों की ऑनलाइन स्टडी हो पाएगी। पालनहार योजना का भी लाभ मिल रहा है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में बढ़ोतरी से भी राहत मिली है।
- सुनीता जैन, केकड़ी
- जिलो बणा दियो, मोबाइल आग्यो, 500 रुप्या मं गैस मिलण लागगी। मुख्यमंत्री जी थारो भौत धन्यवाद।
- केसरी देवी, डीडवाना-कुचामन
आयोजना मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में राजस्थान पूरे देश में सिरमौर बन रहा है। विकसित राजस्थान में महिला की अग्रणी भूमिका रहे, यह राज्य सरकार की मंशा है। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना से प्रदेश में एक नई क्रान्ति आएगी। इससे आमजन को योजनाओं की जानकारी मिलेगी और उन्हें योजनाओं का पूरा लाभ मिल पाएगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि गरीब महिलाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाना राज्य सरकार का ऐतिहासिक कदम है। इसके बेहतर परिणाम आगामी वर्षों में देखने को मिलेंगे। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान आईटी क्रान्ति की दिशा में अग्रणी राज्य है। सरकारी कामकाज को आसान बनाने के लिए राज्य में 100 से भी ज्यादा एप विकसित किये गए हैं। निशुल्क स्मार्टफोन मिलने से महिलाओं को समान रूप से आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध होंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग श्री अखिल अरोड़ा ने कहा कि योजना के अंतर्गत स्मार्टफोन की राशि डीबीटी की जा रही है जो महिलाओं को सशक्त बनाने का ही एक प्रयास है। सुशासन और आईटी की दिशा में यह योजना एक अहम कदम है।  

इस अवसर पर मंत्री डॉ. महेश जोशी, लालचन्द कटारिया, भजनलाल जाटव,  टीकाराम जूली, भंवर सिंह भाटी, विधायक गंगा देवी, कृष्णा पूनिया, आलोक बेनीवाल, गोपाल मीणा, अमीन कागजी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में लाभार्थी उपस्थित रहे।

इस खबर/ब्लॉग को Avnish Wilson ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।

 

राजस्थान में इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना का हुआ शुभारम्भ

by on August 10, 2023
प्रथम चरण में 40 लाख महिलाओं एवं छात्राओं को मिलेंगे स्मार्टफोन   मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जनता से किए गए प्रत्येक वादे क...

राज्य स्तरीय समिति करेगी जिला कलेक्ट्रेट तथा अन्य कार्यालयों हेतु भूमि का चयन
स्वतंत्रता दिवस पर होंगे 2 दिवसीय भव्य आयोजन


 

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास तथा जनभावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने नवीन जिलों तथा संभागों का सृजन किया है। विकेन्द्रीकरण से प्रशासन की क्षमताएं बढ़ेेंगी और कानून व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। आमजन के प्रशासनिक कार्यों की सुगमता के लिए उन्होंने अधिकारियों को नवीन जिलो के शीर्घ ही पूर्ण रूप से क्रियाशील होने संबंधी दिशानिर्देश दिए।

सीएम गहलोत मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री निवास पर नवीन जिलों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 60 वर्षों में मात्र 7 नवीन जिलों का गठन हुआ, जबकि इस अवधि में प्रदेश की जनसंख्या में 3 गुना बढ़ौतरी हुई। जुलाई 2006 में राज्य का नवीनतम प्रतापगढ़ जिला घोषित हुआ था, जो 2008 में क्रियाशील हुआ। राज्य की वर्तमान जनसंख्या एवं भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए हमने 17 मार्च 2023 को नवीन जिले तथा संभाग के सृजन की घोषणा की थी, जो कि मात्र 5 माह की अवधि में ही क्रियाशील हो चुके हैं। यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

नवीन जिलों में समस्त प्रमुख कार्यालय प्रारंभ

बैठक में बताया गया कि समस्त नवीन जिलो में जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय प्रारंभ हो चुके हैं। साथ ही, नवीन रेंजों में एडीजी को रेंज प्रभारी नियुक्त किया जा चुका है। संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्ट्रेट सहित सभी मुख्य विभागों के जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए पद सृजन की कार्यवाही की जा चुकी है। पुलिस विभाग द्वारा प्रत्येक नवीन जिले के लिए 50 का अतिरिक्त जाबता आरक्षित करते हुए नवीन पदों पर पदस्थापन किया जा चुका है।

जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक जिला कलेक्ट्रेट के लिए 1 करोड़ रुपए एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए 60 लाख रुपए का आवंटन किया जा चुका है। नवीन जिला मुख्यालयों पर सर्किट हाउस सहित समस्त जिला स्तरीय सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। नवीन जिलों में जिला एवं सत्र न्यायालयों की स्थापना भी की जाएगी। इस बाबत् आवश्यक प्रस्ताव माननीय उच्च न्यायालय को सहमति हेतु प्रेषित किये जाएंगे।

टाउन प्लानिंग विशेषज्ञ बनाएंगे विशेष कार्ययोजना

बैठक में बताया गया कि सभी नवीन जिला मुख्यालयों के वर्तमान मास्टर प्लान को रिव्यू किया जाएगा। साथ ही, यहां सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए टाउन प्लानिंग विशेषज्ञों के सहयोग से विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

राज्य स्तरीय समिति करेगी कार्यालयों हेतु भूमि का चयन

बैठक में बताया गया कि मिनी सचिवालय/कलेक्ट्रेट हेतु भूमि चयन को अंतिम रूप अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में गठित एक राज्य स्तरीय समिति द्वारा दिया जाएगा। इसके लिए नए जिलों से पूर्व में प्राप्त प्रस्तावों को भी इस समिति द्वारा रिव्यू किया जाएगा। सुनियोजित विकास के दृष्टिगत नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों की कमेटी द्वारा मौके पर जाकर मिनी सचिवालय/जिला कलेक्ट्रेट हेतु चिन्हित भूमि की उपयुक्तता का परीक्षण किया जाकर राज्य स्तरीय समिति को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उक्त समिति द्वारा यह भी ध्यान रखा जाएगा कि यदि भूमाफियाओं एवं अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा भूमि की खरीद फरोक्त की गई है, तो आवश्यक होने पर मिनी सचिवालय/जिला कलेक्ट्रेट हेतु चिन्हित भूमि एवं आसपास के क्षेत्र में भू-रूपांतरण पर रोक भी लगाई जा सकेगी।

नगर पालिकाओं के क्रमोन्नयन का निर्णय

बैठक में सैद्धांतिक रूप से निर्णय लिया गया कि जिला मुख्यालय की नगर पालिकाओं को विधिवत रूप से परीक्षण कर नगर परिषद में क्रमोन्नत किया जाएगा। नवीन जिलों में जिला परिषदों के गठन/निर्वाचन तक जिला परिषद संबंधी कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक नवीन जिले में अतिरिक्त मुख्य कार्याकारी अधिकारी जिला परिषद का एक-एक पद सृजित किया जाएगा। बैठक में विभिन्न जिला स्तरीय समितियों के लिए शीघ्र ही गैर सरकारी सदस्यों को मनोनीत किए जाने का निर्णय भी लिया गया।

स्वतंत्रता दिवस पर होंगे भव्य आयोजन

मुख्यमंत्री ने नवीन जिला मुख्यालयों पर स्वतंत्रता दिवस का 2 दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। इन आयोजनों में दिनांक 14 अगस्त को पर्यटन विभाग द्वारा सांस्कृतिक संध्या, सजावटी लाईटिंग व आतिशबाजी की जाएगी तथा 15 अगस्त को मुख्यालय पर गरिमापूर्ण स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाएगा।

बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व अपर्णा अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनन्द कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे। 

इस खबर को Avnish Wilson ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।

राजस्थान में नवीन जिलों में समस्त प्रमुख कार्यालय हुए प्रारंभ

by on August 09, 2023
राज्य स्तरीय समिति करेगी जिला कलेक्ट्रेट तथा अन्य कार्यालयों हेतु भूमि का चयन स्वतंत्रता दिवस पर होंगे 2 दिवसीय भव्य आयोजन   प्रदेश के मुख्य...

 


 

मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना के तहत दिए जाएंगे कार्ड


 


राजस्थान सरकार प्रदेश में लोक कलाओं का संरक्षण करने तथा लोक कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोक कलाकारों को लोक कलाकार प्रोत्साहन कार्ड देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ये मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना-2023 के अंतर्गत वितरीत किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023-24 के बजट में मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना लागू करने की घोषणा की थी। 

इस योजना में लोक कलाकारों को प्रति परिवार प्रति वर्ष 100 दिवस राजकीय उत्सवों, सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं शिक्षण संस्थानों में कला प्रदर्शन के अवसर प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, योजना के अंतर्गत लोक कलाकारों को उनकी कला से संबंधित यंत्र-उपकरण क्रय करने के लिए 5 हजार रुपए राशि की एकबारीय आर्थिक सहायता देय है।

इस खबर को Avnish Wilson ने संपादित नहीं किया है, यह खबर राजस्थान सरकार के सुचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस रिलीज़ के अनुसार प्रकाशित की गई है।

 

लोक कलाकारों को अब मिलेंगे लोक कलाकार प्रोत्साहन कार्ड

by on July 28, 2023
मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना के तहत दिए जाएंगे कार्ड   राजस्थान सरकार प्रदेश में लोक कलाओं का संरक्षण करने तथा लोक कलाकारों को प्...

 



प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में सेमीकॉन इंडिया 2023 का उद्घाटन किया। सम्मेलन का विषय है- 'भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टमम को को बढ़ावा देना'। यह भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित करता है, जो भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बनाने की परिकल्पना करता है।
 

इस अवसर पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किये। एसईएमआई के अध्यक्ष और सीईओ अजीत मिनोचा ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार भू-राजनीति, घरेलू राजनीति और निजी व छिपी हुई क्षमताएं, भारत के पक्ष में एकजुट हो गई है ताकि देश सेमीकंडक्टर उत्पादन में महत्ववपूर्ण भूमिका निभा सके। उन्होंने कहा कि माइक्रोन का निवेश भारत में इतिहास रच रहा है और यह दूसरों के लिए अनुसरण का मार्ग प्रशस्तस करेगा। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर इकोसिस्टिम को समझने वाला नेतृत्व ही वर्तमान प्रणाली को प्रभावी बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत एशिया में सेमीकंडक्टर का अगला शक्ति-भंडार होगा।
 

एएमडी के ईवीपी और सीटीओ मार्क पेपरमास्टर ने हाल ही में व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री के साथ एएमडी के सीईओ की हुई बैठक को स्मररण किया। उन्होंने घोषणा की कि एएमडी अगले 5 वर्षों में लगभग 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। उन्होंने कहा कि एएमडी अपनी अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि हम बेंगलुरु में अपना सबसे बड़ा डिजाइन केंद्र बनाएंगे।
 

सेमीकंडक्टर प्रोडेक्टक ग्रुप एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष डॉ. प्रभु राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत विजन से भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह भारत के उज्व् इडल होने का समय है। कोई भी कंपनी या देश इस क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों का अकेले मुकाबला नहीं कर सकती। वर्तमान में इस क्षेत्र में सहयोग आधारित साझेदारी की आवश्यौकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह नया सहयोगी मॉडल हमें इस क्षेत्र के लिए उत्प्रेरक बनने में सक्षम बना सकता है। उन्होंने कहा, ‘’भारत के सेमीकंडक्टर विजन में हमें एक मूल्यवान भागीदार मानने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।"
 

कैडेंस के अध्यक्ष और सीईओ अनिरुद्ध देवगन ने कहा कि भारत को सेमीकंडक्टर में निवेश करते देखना वास्तव में अच्छा है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि सरकार पूरे इकोसिस्टम में निवेश कर रही है।
 

वेदांता ग्रुप के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि विशेषज्ञों की राय में गुजरात भारत की सिलिकॉन वैली के लिए उपयुक्तक जगह है। उन्होंने भारत के युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के प्रधानमंत्री के विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंगने कहा, “हमने देखा है कि पिछले दशक में भारत में किस प्रकार के बदलाव हुए हैं और युवा भारतीयों की आकांक्षाएं वास्तव में बहुत ऊंची हैं।‘’
 

माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष और सीईओ संजय मेहरोत्रा ने भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलने के वैश्विक विजन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। मेहरोत्रा ने गुजरात राज्य में मेमोरी चिप निर्माण के लिए सेमीकंडक्टर असेंबली इकाई और परीक्षण सुविधा की स्थापना पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह परियोजना आने वाले वर्षों में 15,000 अतिरिक्त नौकरियों के साथ-साथ नौकरी के लगभग 5,000 अवसरों का सृजन करेगी। उन्होंने राज्य में सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया में समर्थन के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने नवाचार, व्यापार वृद्धि और सामाजिक प्रगति के वातावरण को बढ़ावा देने में समर्थन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद दिया, जिनके ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया वास्तव में परिवर्तनकारी ऊर्जा पैदा कर रहे हैं, जो सकारात्मक प्रगति को जारी रखेगी।"
 

फॉक्सकॉन के अध्यक्ष यंग लियू ने ताइवान सेमीकंडक्टर उद्योग के आगे बढ़ने की मजबूत भावना पर प्रकाश डाला, जो बिना किसी शिकायत के कठिन परिश्रम करने के सामर्थ्‍य पर आधारित है। उन्हों ने कहा कि इसी भावना को भारत में भी प्रयुक्तक किया जा सकता है। भारत सरकार के ‘कथन-कार्य' के उच्च  अनुपात का उल्लेख करते हुए लियू ने चुनौतियों का सामना करने के लिए आपसी विश्वास और साथ मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित किया।  ताइवान ने कई साल पहले ऐसा ही किया था। लियू ने सेमीकंडक्टर उद्योग का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार की इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के प्रति विश्वास और आशा व्यक्त की। लियू ने कहा, “आईटी का मतलब भारत और ताइवान है”। प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए लियू ने आश्वासन दिया कि ताइवान, सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत का सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार होगा।
 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि सेमीकॉन जैसे कार्यक्रम सॉफ्टवेयर अपडेट की तरह हैं जहां विशेषज्ञ और उद्योग जगत के प्रतिनिधि आपस में मुलाकात करते हैं और अपने विचार साझा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह हमारे संबंधों के समन्वय के लिए महत्वपूर्ण है।" मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इस क्षेत्र से जुड़े नवाचारों और इसकी ऊर्जा पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने सभी से विशेषकर युवा पीढ़ी से प्रदर्शनी में आने और नई तकनीक की ताकत को समझने का आग्रह किया।
पिछले साल पहले सेमीकॉन की भागीदारी को स्म्रण करते हुए प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग को लेकर भारत में निवेश के बारे में उस समय उठाए गए सवालों पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेखांकित किया कि एक वर्ष की अवधि में ‘भारत में निवेश क्यों करें' का सवाल बदलकर 'भारत में निवेश क्यों न करें'  हो गया है। मोदी ने भारत में अपना विश्वास जताने के लिए उद्योग जगत की सराहना करते हुए कहा, "उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के प्रयासों के कारण एक दिशा आधारित बदलाव आया है।" उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भारत की आकांक्षाओं और सामर्थ्यआ को अपने भविष्य तथा सपनों के साथ जोड़ लिया है। उन्होंने कहा, "भारत कभी निराश नहीं करता है।" मोदी ने 21वीं सदी के भारत में अवसरों की प्रचुरता को रेखांकित किया और कहा कि लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और लाभांश, भारत में व्यापार को बढाकर दोगुना से तीन गुना कर देंगे।
 

उन्होंतने गुणात्मदक वृद्धि से संबंधित मूर के नियम का उल्लेख किया। उन्होंोने कहा कि हम भारत के डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में समान गुणात्ममक वृद्धि देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी कई गुना बढ़ गई है। वर्ष 2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण 30 अरब डॉलर से भी कम था, जो आज 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। पिछले 2 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल उपकरणों का निर्यात दोगुना हो गया है। वर्ष 2014 के बाद भारत में हुए तकनीकी विकास पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले भारत में केवल दो मोबाइल विनिर्माण इकाइयां थीं, जबकि आज यह संख्या 200 से अधिक हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि आज देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है, जबकि इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 25 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ से अधिक हो गई है। इन आंकड़ों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि ये न केवल भारत की प्रगति के प्रतीक हैं, बल्कि देश के बढ़ते व्या पार के भी संकेतक हैं। मोदी ने सेमीकॉन उद्योग के गुणात्मरक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
 

मोदी ने कहा, "दुनिया आज उद्योग 4.0 क्रांति देख रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी औद्योगिक क्रांति का आधार उस विशेष क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाएं हैं। प्रधानमंत्री ने उद्योग 4.0 क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं के बीच एक सादृश्य बनाते हुए कहा कि अतीत में औद्योगिक क्रांतियों और अमेरिकी सपने का एक ही संबंध था। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के पीछे भारतीय आकांक्षाएं ही प्रेरक शक्ति हैं। उन्होंने हाल ही रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि गरीबी बहुत तेजी से घट रही है जिससे देश में नव-मध्यम वर्ग का उदय हो रहा है। तकनीक की अनुकूल प्रकृति और प्रौद्योगिकी अपनाने के प्रति भारतीय लोगों की उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सस्ती डेटा दरें, गुणवत्तापूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति डिजिटल उत्पादों की खपत को बढ़ा रही है। मोदी ने कहा, "हेल्थ से लेकर एग्रीकल्चर और लॉजिस्टिक्स तक, स्मार्ट टेक्नोलॉजी के उपयोग के विजन पर भारत काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे लोग हैं जिन्होंने बुनियादी घरेलू उपकरण का उपयोग नहीं किया होगा लेकिन वे इंटरकनेक्टेड स्मार्ट उपकरणों का उपयोग करने जा रहे हैं। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेष छात्रों ने पहले साइकिल का उपयोग नहीं किया होगा, लेकिन वे आज स्मार्ट इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत का बढ़ता नव-मध्यम वर्ग भारतीय आकांक्षाओं का पावरहाउस बना हुआ है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि चिप-निर्माण उद्योग अवसरों से भरा बाजार है और उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग जल्दी शुरुआत करते हैं उन्हें दूसरों की तुलना में पहले-पहल लाभ मिलना निश्चित है।
 

प्रधानमंत्री ने महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया को एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत है। उन्होंने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से ज्यादा भरोसेमंद भागीदार कौन हो सकता है।" उन्होंने भारत के प्रति बढ़ते वैश्विक भरोसे पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “निवेशकों को भारत पर भरोसा है क्योंकि यहां एक स्थिर, जिम्मेदार और सुधारोन्मुखी सरकार है। उद्योग जगत को भारत पर भरोसा है क्योंकि हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है। तकनीकी क्षेत्र भारत पर विश्वास करता है क्योंकि यहां प्रौद्योगिकी बढ़ रही है। सेमीकंडक्टर उद्योग भारत पर भरोसा करता है क्योंकि हमारे पास विशाल प्रतिभा पूल है।” उन्होंने कहा, “कुशल इंजीनियर और डिजाइनर हमारी ताकत हैं। जो कोई भी दुनिया के सबसे जीवंत और एकीकृत बाजार का हिस्सा बनना चाहता है, उसे भारत पर भरोसा है। जब हम जब हम कहते हैं कि मेक इन इंडिया, तो उसमें ये बात भी शामिल है कि आइए, मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड।”
 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को समझता है और मित्र देशों के साथ व्यापक रोडमैप पर काम कर रहा है। इसीलिए भारत एक जीवंत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल भी संसद में पेश किया जाने वाला है। सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को नया रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में 300 से अधिक ऐसे प्रमुख कॉलेजों की पहचान की गई है जहां सेमीकंडक्टर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। चिप्स टू स्टार्टअप प्रोग्राम से इंजीनियरों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “अनुमान है कि अगले 5 वर्षों में हमारे देश में एक लाख से अधिक डिजाइन इंजीनियर तैयार होने वाले हैं। भारत का बढ़ता स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी मजबूत करने जा रहा है।”
 

एक कंडक्टर और इंसुलेटर की उपमा देते हुए, जहां ऊर्जा कंडक्टर के माध्यम से गुजर सकती है, न कि इंसुलेटर के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक अच्छा ऊर्जा कंडक्टर बनने के लिए हर चेकबॉक्स पर टिक कर रहा है। इस क्षेत्र के लिए बिजली की महत्वपूर्ण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता पिछले दशक में 20 गुना से अधिक बढ़ गई है और इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सौर पीवी मॉड्यूल, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र के उत्पादन के लिए उठाए गए प्रमुख कदमों के बारे में भी बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में हो रहे नीतिगत सुधारों का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने नए विनिर्माण उद्योग के लिए लागू कई करों में छूटों के बारे में भी जानकारी दी और भारत में सबसे कम कॉर्पोरेट कर की दर, फेसलेस और निर्बाध कराधान प्रक्रिया, पुराने कानूनों का उन्मूलन, कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए अनुपालन और सेमीकंडक्टर उद्योग को विशेष प्रोत्साहन दिये जाने पर भी प्रकाश डाला। मोदी ने कहा कि ये निर्णय और नीतियां इस तथ्य का प्रतिबिंब हैं कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग का जोरदार स्वागत रहा है। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे भारत सुधार की राह पर आगे बढ़ेगा, नए अवसर पैदा होंगे। भारत सेमीकंडक्टर निवेश के लिए एक उत्कृष्ट संवाहक बन रहा है।”
 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, कच्चे माल, प्रशिक्षित जनशक्ति और मशीनरी की जरूरतों को समझता है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “जिस क्षेत्र में हमने निजी कारोबारियों के साथ मिलकर काम किया है, उसने नई ऊंचाइयों को छुआ है। चाहे वह अंतरिक्ष क्षेत्र हो या भू-स्थानिक क्षेत्र, हमें हर जगह उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं।” उन्होंने प्राप्त किये गए फीडबैक के आधार पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि के बारे में भी बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि अब प्रौद्योगिकी फर्मों को भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। मोदी ने कहा, "हम देश के सेमीकंडक्टर सेक्टर के विकास में तेजी लाने के लिए लगातार नीतिगत सुधार कर रहे हैं।"
 

भारत की जी20 थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनाने के पीछे भी यही भावना काम करती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत चाहता है कि उसके कौशल, क्षमता और सामर्थ्य से पूरी दुनिया लाभान्वित हो। उन्होंने वैश्विक भलाई और बेहतर दुनिया के लिए भारत की क्षमता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस उद्यम में भागीदारी, सुझावों और विचारों का स्वागत किया और उद्योग जगत की हस्तियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने लालकिले से अपने संबोधन को याद करते हुए कहा, ''यही समय है। यही सही समय है। सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए।”
 

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, कैडेंस के सीईओ अनिरुद्ध देवगन, फॉक्सकॉन के अध्यक्ष यंग लियू, वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, माइक्रोन के सीईओ संजय मेहरोत्रा, एएमडी के सीटीओ मार्क पेपरमास्टर और सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट्स ग्रुप एएमएटी के अध्यक्ष प्रभु राजा उपस्थित थे।

Image Credit : Screengrab from video uploaded on YT Channel of PM Narendra Modi
Video Credit : PM Narendra Modi YT Channel

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